छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

बुधवार, 13 जुलाई 2016

मजदूर

कतेक परोपकारी मजदूर,बहुत परोपकारी मजदूर।
टोर के जांगर सेवा करथे, धरती माता के भरपूर।।


तर तर तर तर गिरे पसीना, काम करत हे सबो महीना।
पानी जाड़ बिकट गर्मी मं,लहू









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