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बुधवार, 13 जुलाई 2016

शहीद मन के सुरता

नूतन प्रसाद

आओ आओ शहीद के सुरता करबो आज ।
मेट अपन देह ले हम मन ले  दिन हे सुराज ।।
आगू हमर देश मं गोरा मन हा अपन राज च लाए,
हमरे अÛ पानी खाके अंगूठा ल  देखाये .
बीच  सड़क मं दाई बहिनी के इƒत बेचाये
भारत माता दुख के मारे रोये अउ चि „ाये.
तब ले भारत वासी मन ल आये नहीं लाज ।
आओ आओ शहीद ........................।।
ओ बेरा मं गोरा मन हा लूट करदें अतलंगा
रोय  धरती रोय  हिमालय  रोय  बिचारी गंगा.
इही देश के पिछलग्गू दे गोरा मन ल पलोंदी
इंहे के वासी मन करदे इहें के जड़ के खोदी .
ताकत पाके गोरा मन के अउ उपराये ताज ।
आओ आओ शहीद............................।।
अतियाचार ले देख के क्रांतिकारी मन अगियागे
गुस्सा के मारे तन ह कांपिस मन नंगत बगियागे.
गोरा शासन नास करे बर रन मं आगू आगे
अपन परन ल पुरा करे बर सब जुरियागे.
जिंहचे चाहिन उहिंचे भड़किन झपटिन जइसे बाज।
आओ आओ शहीद.............................।।
जलियां वाला बाग मं मरगे देश के कतको मनखे
ऐला देख के क्रांतिकारी के चोला होगे सनके ।।
मन मं सोचि न- कइसे करजा छुटही अन पानी के
खून उबलगे किरिया खागे-रछिा करबो जन के.
मार भगाबो अंगरेजन ल लाबो खुद के राज ।
आओ आओ शहीद.............................।।
कांकोरी म रेल ल लूटिन  जावत जे खजाना
सांसद मं बम ल पटक  के गावत रिहीन गाना.
सासन ल कुछ घेपिन नहीं रेंगिन तान के सीना
देश उबारे बर जब दउड़िन छोड़िन खाना पीना.
बने बने पहिरिन नहीं भाइस नहीं साज ।
आओ आओ शहीद........................।।
सासन देखिस क्रांतिकारी के ताकत ल दूना
बंदूक ल धर खोजन लगिन कोना कोना .
गोरा सासन हा हालत हे अब गिरही दरवाजा
रोना राही मचागे बाजत आजादी के बाजा.
कोन जनी सासन के मुड़ मं कब गिरही गाज ।
आओ आओ शहीद.............................।।
क्रांतिकारी मन ल पकड़े बर कर दिस जोरहा
भगत, धींगरा,गुरू, बिक्स्मल तब पकड़ागे हुरहा.
भागिन नहीं रोसन शेखर भारत मां के मुरहा
कतको ल फांसी दे दिस मारिस हे सासन के चोरहा.
फांसी मं च ढ़ के हेरिन हे - जय  भारत के आवाज ।
आओ आओ शहीद.................................।।
देश के खातिर जान ल दे दिन क्रांतिकारी ज्ञानी
भारत हा आजादी पाइस इहिच  हे निशानी .
आओ गा सुरता म भरबो दूनों आंखी मं पानी
अइसे लगथे अब हृदय   हा होही दू ठन चानी.
शहीद मन ऊपर हे भारत माता ल अड़बड़ नाज ।
आओ आओ शहीद..................................।।

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