छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

देखो देखो जी महिमा गुलाल के

गोपाल साहू

देखो देखो जी महिमा गुलाल के
मजा ले लो संगी फागून तिहार के

आगू अइस अकती तिहार
नवा दिन जानिन भाई किसान
मनहरी आये हरेली तिहार,
हरियर होगे खेती अउ खार
सावन भादो हरियर लागे
डारा झूमें जोंधरा जुंआर के,
 देखो देखो जी...............

कुंआर महिना पुरखा अउ पीतर
खेलिन दशेर झूमर-झूमर,
कातिक महिना दीया के अंजोर
गली-गली मं होवय  उजियार
टुरी-टुरा फोड़े फटाका
खेले संगी दीया बार के,
देखो-देखो जी...............

अघ्घन महिना सुन्‍ना लागे
पूस मं मड़ई मड़वा आगे
पुन्‍नी के गाना छेरी के छेरा
देबे मरकनीन पक्‍का केरा
झूमर झूमर के सुवा नाचे,
मजा लेवथे पुन्‍नी तिहार के
देखो - देखो जी .............
 
मांघ महिना मंगनी जोगनी
फागुन जाथे बरात ,
दुलही दुल्हा गाड़ी मं बइठे
कइसे चले मुस्कात ,
घर मं अइस डोला ले उतरिस,
मजा लेवथे बहार के देखो-देखो जी................

चइत महिना जोंत जंवारा ,
बोेइन जंवार आरा पारा
घर - घर गुंजे ढ़ोल नंगारा,
करिन बिहाव कुंवारी कुंवारा
गली-गली मं नाचे नचनिया,
मोहरी बाजे हे '' गोपाल '' के देखो-देखो जी............

पता
ग्राम - भ्‍ाण्‍डारपुर ( करेला )
पोष्‍ट - ढारा, व्‍हाया - डोंगरगढ़
जिला - राजनांदगांव ( छत्‍तीसगढ़ ).

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें