छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

खेती ल कमाबे कइसे

गोपाल साहू

खेती ला कमाबे कइसे,इही बुध मं
जिनगी ल पहाबे कइसे,इही बुध मं
गली-गली किंजरत रहिथस
चोंगी माखूर पीयत रहिथस
कमइया लइका मन ल बिड़ोरत रहिथस
जिनगी चलाबे कइसे,इही बुध मं
खेती ल कमाबे................।

कतेक समझावव तोला
हार खागे मोर चोला
कहां कहां घुमत रहिथस
खाय  के बेरा ठउका पहुंचथस
घर ल चलाबे कइसे इही बुध मं
खेती ल कमाबे.................।

सुन्दर घर मं आतेस
पौढ़ शिक्षा पढ़े ल जातेस
डोकरी - डोकरा पढ़त रहिथे
नाव लिखे ल सिखत रहिथे
ठेंगवा देखाबे कइसे इही बुध मं
खेती ल कमाबे................।

कोरी खइरखा लइका छोड़
बेटी बेटा दू लइका तोर
परिवार नियोजन कराबे
जिनगी मं सुख ल पाबे
'' गोपाल '' अज्ञानी होगे,इही बुध मं
खेती ल कमाबे ..............।

पता
ग्राम - भण्‍डारपुर ( करेला )
पोष्‍ट - ढारा, व्‍हाया - डोंगरगढ़
जिला - राजनांदगांव ( छत्‍तीसगढ़ )
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें