छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

ककरो बपउति नोहे

गोपाल साहू

मोर - मोर मं बितगे तोर उमरिया
तयं सुन ले जहूंरिया- 
ककरो बपौती नोहे जी

नाली नरवा बोहागे,
बहू बेटा अलगागे
डोकरा के मरना होगे,
ठाढ़े तरवा सुखागे
डोकरा के पुरगे देवारी जी ,
ककरो बपौती नोहे जी

सास के कठोता बहू बर धरे,
सियान मन गोठियाइन अइसने
सबके लगे हे ओरी - पारी जी,
ककरो बपौती नोहे जी

कोनो परिया मं भूंज देही ,
कोनो नरवा मं फेंक देही
आ के बरा - भजिया खाही,
कउवा ल ददा बनाही
'' गोपाल '' होगे पांच दुआरी जी,
ककरो बपौती नोहे 

भण्‍डारपुर ( करेला )
पोष्‍ट - ढारा, व्‍हाया  - डोंगरगढ़
जिला - राजनांदगांव ( छत्‍तीसगढ़ )

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