मोर - मोर मं बितगे तोर उमरिया
तयं सुन ले जहूंरिया-
ककरो बपौती नोहे जी
नाली नरवा बोहागे,
बहू बेटा अलगागे
डोकरा के मरना होगे,
ठाढ़े तरवा सुखागे
डोकरा के पुरगे देवारी जी ,
ककरो बपौती नोहे जी
सास के कठोता बहू बर धरे,
सियान मन गोठियाइन अइसने
सबके लगे हे ओरी - पारी जी,
ककरो बपौती नोहे जी
कोनो परिया मं भूंज देही ,
कोनो नरवा मं फेंक देही
आ के बरा - भजिया खाही,
कउवा ल ददा बनाही
'' गोपाल '' होगे पांच दुआरी जी,
ककरो बपौती नोहे
भण्डारपुर ( करेला )
पोष्ट - ढारा, व्हाया - डोंगरगढ़
जिला - राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़ )
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