छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

रविवार, 7 अगस्त 2016

कवड़ी - कवड़ी माया जोरे

गोपाल साहू

कवड़ी -कवड़ी माया जोरे,धरम करम के रद्दा तोड़े
छीन मं उजर गे मड़वा तोर,पहुना भटकगे तोर रे
जतन करे फुलवारी लगाये,भौरा मजा उड़ाये
खुशबू उड़गे आकाश मं संगी,का रहिगे संग तोर रे
दाई ददा बर पथरा बनके,पथरा ल देवता बनाये
पहली देवता दाई ददा ये,नइ बसाये मन में
इही च रन मं अहिला तरगे,तरगे मीरा बाई
इही च रन बर गोपाल तरसे,कारी लगय  गरदन में
तरसगे गोपाल हर संगी,खोये ददा दाई ल खोजे
कवड़ी-कवड़ी माया जोरे,धरम करम के रद्दा तोड़े

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