नौकरी हड़पने के लिए उसने आकाश पाताल, स्वगर् नकर् एक किया था.नेताओं के च रण धोये.अधिकारियों को पुष्पं पत्रं समपिर्त किया. बाबुओं को दक्षिणा भेंटी.
आज उसे कायार्लय की शरण जाना था तो आशिवार्द लेने पिता के पास पहंुचा.वह नियुIि पत्र को पितृ च रण पर रखना ही चाहता था कि पिता ने अधर उठा लिया.पिता ने लाय क बेटे को कहा- मेरे लाल दूध देने वाली गाय की दुलत्ती भी मीठी होती है तो तुम पैर पकड़ने की भूल मत करो.तुम मेरे लिए च न्द्रमा हो जो लाखों तारों- जुगनुओं को धूल चंटाकर विजयी हुए.
पुत्र ने हें हें किया - य ह सब बंजारे साहब की कृपा है.य दि वे सहाय ता नहीं करते तो मैं वाकआउट कर दिया जाता.वे गरजे थे तो बरस कर भी दिखाये.बड़े ईमानदार हैं.
पिता जलभूनकर राख हो गया.बेचारे के तीस हजार रूपये जो शहीद हुए थे.कहा- उनकी प्रशंसा यिा करना जो घूंसखोर है.अरे, वे तो बड़े बेईमान एवं भ्रý हैं.
- देखिये डैडी, आप बंजारे साहब की निंदा न करें वरना आपकी डेड बाडी मरघट में नजर आयेगी.
- यिों न करूं,गलत रास्ते पर च लने वाले को वाहन कुच लेगा ही...।
पिता - पुत्र एक दूसरे पर गोला- बारी करने लगे.पिता बंजारे की च मड़ी उधेड़ता तो पुत्र मरहम लगाता.आखिर वे न्याय कराने लाल बुझOड़ के आधीन हुए.लाल बुझOड़ ने पहले वीटों का प्रयोग कर युद्ध शांत किया.बातें ध्यानस्थ होकर सुनीं.मनन किया तत्पश्चात गम्भीरवाणी में निणर्य दिया कि सुन बुâे इस युग में डाके डाल कर गरीबों की सहाय ता करने वाला व्य Iि समाजसेवक है.अनेक Íियों की इƒत लूट कर किसी धनी Íी से बिन दहेज विवाह करने वाला उदार और शरीफ है तो बंजारे साहब ने घूंस लेकर तुम्हारे बेटे को नौकरी दी तो यिा वे सत्य व्रती और ईमानदार नहीं ?
पिता का सिर इस निणर्य के सामने झुक गया.
आज उसे कायार्लय की शरण जाना था तो आशिवार्द लेने पिता के पास पहंुचा.वह नियुIि पत्र को पितृ च रण पर रखना ही चाहता था कि पिता ने अधर उठा लिया.पिता ने लाय क बेटे को कहा- मेरे लाल दूध देने वाली गाय की दुलत्ती भी मीठी होती है तो तुम पैर पकड़ने की भूल मत करो.तुम मेरे लिए च न्द्रमा हो जो लाखों तारों- जुगनुओं को धूल चंटाकर विजयी हुए.
पुत्र ने हें हें किया - य ह सब बंजारे साहब की कृपा है.य दि वे सहाय ता नहीं करते तो मैं वाकआउट कर दिया जाता.वे गरजे थे तो बरस कर भी दिखाये.बड़े ईमानदार हैं.
पिता जलभूनकर राख हो गया.बेचारे के तीस हजार रूपये जो शहीद हुए थे.कहा- उनकी प्रशंसा यिा करना जो घूंसखोर है.अरे, वे तो बड़े बेईमान एवं भ्रý हैं.
- देखिये डैडी, आप बंजारे साहब की निंदा न करें वरना आपकी डेड बाडी मरघट में नजर आयेगी.
- यिों न करूं,गलत रास्ते पर च लने वाले को वाहन कुच लेगा ही...।
पिता - पुत्र एक दूसरे पर गोला- बारी करने लगे.पिता बंजारे की च मड़ी उधेड़ता तो पुत्र मरहम लगाता.आखिर वे न्याय कराने लाल बुझOड़ के आधीन हुए.लाल बुझOड़ ने पहले वीटों का प्रयोग कर युद्ध शांत किया.बातें ध्यानस्थ होकर सुनीं.मनन किया तत्पश्चात गम्भीरवाणी में निणर्य दिया कि सुन बुâे इस युग में डाके डाल कर गरीबों की सहाय ता करने वाला व्य Iि समाजसेवक है.अनेक Íियों की इƒत लूट कर किसी धनी Íी से बिन दहेज विवाह करने वाला उदार और शरीफ है तो बंजारे साहब ने घूंस लेकर तुम्हारे बेटे को नौकरी दी तो यिा वे सत्य व्रती और ईमानदार नहीं ?
पिता का सिर इस निणर्य के सामने झुक गया.
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