छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य ( गरीबा ) के प्रथम रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा की अन्‍य रचनाएं पढ़े

बुधवार, 13 जुलाई 2016

सुतो झन

नूतन प्रसाद

रहे जवानी के ताकत हा सूतो झन जी काम करो ।
अड़बड़ सुघ्घर समय  मिले हे थोरको झन आराम करो ।।

बचपन दाई के कोरा मं
गिल्‍ली बांटी अउ भौंरा मं
संगी मितवा के चौंरा मं
बेरा अपन चुका डारे हव,अब करतब बर पांव धरो।
रहे जवानी के ताकत..................................।।

बुढ़वा डोकरा जब हो जाहू
लउठी बिना च ल न नई पाहू
काम करे बर मुंहू लुकाहू
खांस खांस के मरे के पहिली काम करके नाम करो ।
रहे जवानी के ताकत...................................।।

मिले हवय  जब उमर जवानी
करलो करतब करके बानी
भूल करव झन अनाकानी
तुम्हरे मुंह ल देखत हे उकर फिकर अभी हरो।
रहे जवानी के ताकत..............................।।

खून तात हे रंग लाली
वतर्मान मं जीत ले पाली
तोर हाथ अड़बड़ बल शाली
भूत भविष्य  छोड़के संगी,वतर्मान मं जूझ मरो ।
रहे जवानी के ताकत ............................।।

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