मजबूरी
सम्पादक ने पत्रकार से पूछा- कहो,आज का समाचार ?
पत्रकार ने कहा - सब ठीक ठाक है. कहीं से बुरी खबर नहीं मिली
- यिा हत्या, डकैती कुछ भी नहीं ?
- बिल्कुल नहीं । औ तो और पाकिटमारी तक नहीं.
- तो भी लिखो कि जहरीली शराब पीने से दो सौ लोगों की मृत्यु.बम विस्फोट से संसद भवन ध्वस्त ....।
- लेकिन ये तो झूठे होंगे .
- होने दो, हमें पाठकों की रूचि यो का ध्यान रखना है.य दि विस्फोटक समाचार न दे तो अखबार कोई खरीदेगा ?
सम्पादक ने पत्रकार से पूछा- कहो,आज का समाचार ?
पत्रकार ने कहा - सब ठीक ठाक है. कहीं से बुरी खबर नहीं मिली
- यिा हत्या, डकैती कुछ भी नहीं ?
- बिल्कुल नहीं । औ तो और पाकिटमारी तक नहीं.
- तो भी लिखो कि जहरीली शराब पीने से दो सौ लोगों की मृत्यु.बम विस्फोट से संसद भवन ध्वस्त ....।
- लेकिन ये तो झूठे होंगे .
- होने दो, हमें पाठकों की रूचि यो का ध्यान रखना है.य दि विस्फोटक समाचार न दे तो अखबार कोई खरीदेगा ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें